LifeStyle Desk : नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए लोग कई दिनों पहले से ही तैयारियां करने लगते हैं। लोग तरह-तरह के सजावटी सामान, खाने पीने के व्यंजन एवं पकवानों की लिस्ट बनना शुरू कर देते हैं। कई लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने किसी खास जगह पर जाते हैं, तो कई लोग नए साल की शुरुआत में तीर्थ स्थल या मंदिरों में जाते हैं।
पिछले दिनों ही नए साल के मौके पर माता वैष्णो देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कतारों में खड़े नजर आए। इसके विपरित देश के कई जगहों पर नए साल के जश्न को मनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
लेकिन! क्या आपको यह पता है कि 1 जनवरी को नए साल के तौर पर क्यों मनाया जाता है? 1 जनवरी को नए साल मनाने का इतिहास क्या है?
1 जनवरी मनाने का इतिहास क्या है?
आपने कभी ना कभी ग्रेगोरियन कैलेंडर का नाम जरूर सुना होगा। कहा जाता है कि पूरी दुनिया में नए वर्ष की शुरुआत इसी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मानी जाती है। यानी वर्ष का पहले दिन की तारीख का चुनाव ग्रेगोरियन कैलेंडर से ही हुई है। नया साल 1 जनवरी को मनाने की परंपरा या शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई थी।
ग्रेगोरियन कैलेंडर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार से वर्ष में कुल 365 दिन होते हैं, लेकिन प्रत्येक चौथे वर्ष में 1 दिन बढ़कर साल के 366 दिन हो जाते हैं। जिस वर्ष में 365 दिन होते हैं उन्हें सामान्य वर्ष तथा जिन वर्ष में 366 दिन होते हैं उन्हें की लीप वर्ष कहा जाता है।
1 जनवरी को नए साल के रूप में क्यों मनाया जाता है?
आपको बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर से पहले पूरी दुनिया जूलियन कैलेंडर को मानती थी। जिसकी शुरुआत रूस हुई थी। इस कैलेंडर के अनुसार वर्ष में केवल 10 महीने होते थे, इसके मुताबिक नए साल की शुरुआत क्रिसमस के दिन होती थी। साथ ही जूलियन कैलेंडर में बहुत सी गलतियाँ मौजूद थी। उन गलतीयों को दूर करने और दुनिया को नया कैलेंडर देने के लिए पोप ग्रेगोरी ने “ग्रेगोरियन कैलेंडर” कैलेंडर को बनाया।जिसमें वर्ष का पहला दिन 1 जनवरी को मनाया गया। इसके बाद से ही पूरी दुनिया के द्वारा नया साल, 1 जनवरी को मनाने की प्रथा शुरू हो गई।
भारत में नया साल कब मनाया जाता है?
वैसे तो भारत में प्रत्येक वर्ष नया साल 1 जनवरी को ही मनाया जाता है। भारत में विभिन्न प्रकार के धर्मों में मान्यता रखने वाले लोग निवास करते हैं। जो अपने धर्म के प्रति बहुत आस्था और विश्वास रखते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता रखने वाले लोग अपने हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू नव वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं। कहा जाता है कि यह ऐसा समय होता है जब पूरी पृथ्वी अपने नए रूप में निखर रही होती है।
हिंदू नव वर्ष 2023 में किस तारीख को मनाया जाएगा
हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च को चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इसलिए, वर्ष 2023 में हिंदू नव वर्ष 22 मार्च 2023 को मनाया जायेगा। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग पूरे धूमधाम से नववर्ष मनाते हैं।
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