नई दिल्ली : माँ माटि मानुष… का नारा बुलंद करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 2012 में दुष्कर्म को लेकर दिया गया एक कथित बयान सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। यह बयान सोशल मीडिया पर ऐसे समय में शेयर किया जा रहा है जब पश्चिम बंगाल की एक डॉक्टर बेटी (West Bengal rape case) के साथ हुए दुष्कर्म और फिर निर्मम हत्या को लेकर पूरे देश में आक्रोश है।
महुआ मोइत्रा ने बयान को बताया फेक
अक्सर सुर्खियों में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahuaa Moitra) ने वायरल दावे को फर्जी बताया। उन्होंने 16 अगस्त को अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर कथित बयान का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “फेक न्यूज अलर्ट! ममता बनर्जी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। भाजपा की रणनीति काम नहीं आने वाली है। कृपया खबरों के लिए केवल हमारे आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल/पेज पर ही भरोसा करें।” महुआ मोइत्रा के ट्वीट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
News gurukul ने पता लगाया सच?
वायरल बयान से जुड़े कीवर्ड को गूगल सर्च करने पर हमें याहू न्यूज फीड पर 2012 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। 15 अक्टूबर 2012 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में सीएनएन-आईबीएन के हवाले से बताया गया, “अक्टूबर 2012 में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित तौर पर कहा था कि देश में बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि पुरुष और महिलाएँ अब एक-दूसरे से ज़्यादा खुलकर बातचीत करते हैं। पहले अगर पुरुष और महिलाएँ हाथ पकड़ते थे, तो उन्हें माता-पिता पकड़ लेते थे और डाँटते थे, लेकिन अब सब कुछ इतना खुला है। यह खुले बाज़ार की तरह है जिसमें विकल्प खुले हैं।” पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
हमें firstpost का पुराना ट्वीट भी मिला, जिसमें ममता बनर्जी के कथित बयान का जिक्र किया गया था। Livemint की वेबसाइट पर भी वायरल बयान का जिक्र किया गया है। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में कोलकाता पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है। न्याय की मांग पर डॉक्टरों की भी हड़ताल जारी है। पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी खुद इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतर आईं हैं। आपको बता दूं कि ममता बनर्जी के पास स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग भी है। इन रिपोर्टों को यहां और यहां क्लिक कर पढ़ें।
न्यूज़ गुरुकुल ने अपनी पड़ताल में पाया कि महुआ मोइत्रा ने जिस बयान को ग़लत बताया है असल में वह बयान 2012 में सुर्खियों में थी। उस वक्त इस बयान को मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।